राजस्थान पिछले कई दिनों से जल रहा है। 17-18 साल पहले सा नज़ारा दिख रहा है। तब मंडल कमीशन की सिफारिश को लागू किए जाने के बाद आग लगी थी। आज गुर्जर ख़ुद को एसटी में शामिल करने की मांग के साथ सड़कों पर हैं। सरकार के खिलाफ शुरु हुई लड़ाई अब गुर्जर बनाम मीणा में तब्दील होती जा रही है। ब्ला...ब्ला... ब्ला....
इन्हीं सब बातों को लेकर तहसीन मुनाव्वर जी से बात हो रही थी। उनका ख्याल है कि
बहुत नुक्सान होता जा रहा है
शहर सुनसान होता जा रहा है
ये कैसी आग सी दिल में लगी है
ये राजस्थान होता जा रहा है!
पूरी समस्या को उन्होने चंद शब्दों में ऐसे बयां कर दिया जैसा करने के लिए मैं पता नहीं कितने कागद कारे करता और आपका क़ीमती वक्त बर्बाद। अब आपके और मुनाव्वर जी के बीच ज़्यादा न आते हुए सीधे संपर्क का ज़रिया बता देता हूं। तहसीन मुनाव्वर जी लंम्बे समय से मीडिया से जुड़े हैं। दूरदर्शन पर उर्दू की ख़बरें पढ़ते हुए देखे जाते हैं। लिखते-पढ़ते रहते हैं लिहाज़ा मेरे जैसों के चक्कर में फंस गए हैं। वे नीचे के दो ठिकानों पर पाए जाते हैं जहां उन्हें कभी भी पकड़ा जा सकता है।
http://www.youtube.com/watch?v=I3ybRYXrygo
http://www.hindustanexpressdaily.com/aajka_qata.htm
शुक्रिया
Friday, June 1, 2007
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