रेल मंत्री
लालू यादव देश-दुनिया में अपने मैनेजमेंट स्किल का लोहा मनवाने पर तुले हैं। आए दिन ख़बर आती है कि अमेरिका की फलां यूनिवर्सिटी ने लालू को बुलाया, तो फ्रांस के फलां स्कूल आॅफ बिजनेस ने। लालू आईआईएम अहमदाबाद भी हो आए। पर मुझे लगता है कि लालू के तथाकथिक मैनेजमेंट स्किल से सबसे ज़्यादा किसी ने सीखा है तो वो है बिहार के वो लोग जो ट्रेन में बिना टिकट सफर करते हैं। जेनरल तो जेनरल, एसी कोच में भी वो बिना टिकट या बिना सही टिकट के घुस जाते हैं। वाह! क्या मैनेज करते हैं। टीटीई भी उनके मुंह नहीं लगता। आलम तो ऐसा भी होता है कि जिसका रिजर्वेशन वो बेचारा खड़ा रहता है और गुंडे मवाली सीट पर पसर जाते हैं। आंखों देखी कह रहा हूं। कल ही मगध एक्सप्रेस ले लौटा हूं।
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लालू जी, जब तक अपने गृह राज्य में सफ़र करने वाले मुसाफिरों की सहूलियत और उनमें सुरक्षा का भाव नहीं भरेगें जब तक आप दुनिया क्या जीतेगें। रेल को हज़ारों करोड़ के मुनाफे में ले जाएं लेकिन आपकी असली कमाई आपके राज्य में नज़र आती है। ये हमारा भी राज्य है इसलिए शर्म आती है।
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