शुक्रिया
Wednesday, June 20, 2007
'चलो पागल हो जाएं'
तहसीन मुनव्वर जी से पहले ही आपका परिचय करा चुका हूं। आप में से कई उनको जानते भी होगें। अभी उनकी रचना सुनी जो उन्होने देश के बाहर रह रहे भारतीय के बीच सुनाई थी। जिंदगी में जो कुछ भी करना है उसके लिए जुनून का होना कितना ज़रुरी है ये बताने की अच्छी कोशिश की है उन्होने। 'पागल हो जाओ' में। ज़्यादा कुछ मैं बताऊं इससे बेहतर आप खुद ही सुन सकते हैं। URL है-
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
1 comment:
बहुत धन्यवाद इसे हम तक पहुँचाने के लिये ..
सुनकर आंनद आ गया ...
Post a Comment