Wednesday, July 25, 2007

आपके सुझावों की दरकार है

मैंने नीचे की पोस्ट दिमागी तौर पर बहुत परेशान और विवश होकर लिखा था। इस पोस्ट के ज़रिए मैं जो भी कुछ कहना चाह रहा था वो कह चुका और सम्मानित ब्लागर समुदाय ने मौन रह कर ऐसी बेतुकी चीज़ों को प्रोत्साहन नहीं देने पर अपनी सहमति जता दी है। इसलिए अब मैं अपने इस एक तरह के नकारात्मक पोस्ट को ब्लाग से हटा रहा हूं। मेरा ऐसा करना आप में से किसी ग़लत लगे तो बता सकते हैं।

5 comments:

परमजीत सिहँ बाली said...

उमाशंकर जी,कृपया अपनी पोस्ट ना हटाएं।हो सकता है कि आज आपकी बात को कोई ना पढे़। लेकिन आने वाले वक्त में कोई ना कोई जरूर पढेगा।

Udan Tashtari said...
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संजय बेंगाणी said...

आपका चिट्ठा है, आप जो चाहे लिखने के लिए स्वतंत्र है, और हम टिप्पणी करने न करने के लिए. आपका सुझाव अच्छा था. हम भी मौन रहना सीख रहे है.

Sanjeet Tripathi said...

उमा भाई, मेरी राय यह है कि आप उस पोस्ट को न हटाएं।

इंसान जब डायरी लिखता है तो उसमें सब कुछ अच्छा ही अच्छा नही लिखता, कुछ निराशा और नकारात्मक भी लिखा ही जाते हैं क्योंकि हमारी मन:स्थिति में उतार चढ़ाव आते ही रहते हैं। बाद में जब हम सामान्य होते है तो यही लगता है कि अरे यह क्या लिख डाला है, लेकिन इसका यह मतलब नही कि हम उस पन्ने को ही फाड़ कर अलग कर दें!
नकारात्मकता का भी हमारे व्यक्तित्व में एक स्थान है और अगर फ़िर कभी आपको ऐसा नकारात्मक लिखने का मन हो तो आप तब अपनी यही वाली पोस्ट पुन: पढ़िएगा।
आशा है कि आप मेरा आशय समझ गए होंगे!!

Udan Tashtari said...

उमा भाई

पहले वाली टिप्पणी जरा जल्दबाजी में की थी. बाद में मुझे वो उचित और आपके ब्लॉग के अनुरुप प्रतीत नहीं हो रही थी, अतः अलग कर दिया. कृप्या अन्यथा न लें.

बस यही कहना था कि आप सजग हैं. आप में जोश है और सही गल्त में भेद करना जानते हैं. आप अपने विवेक से जो भी निर्णय लेंगे. अच्छा ही होगा. अनेकों शुभकामनायें.