ध्न्य्वाद, जनाब इतना ओर बाता दो यह कब होता हे, यानि किस महीने मे ,पक्का पता हो तो हम जरूर जाऎ गे,कुछ फ़ोटो ओर चलचित्र भी बानऎ गे,हो सके तो जरुर बाताना. ध्न्य्वाद
मैं,
उलझा हुआ सांसारिक कर्म रीति में,
बंधा हुआ अपनी ही नियति में,
जीवन के कटु सत्यों से दो चार हो कर भी,
अनभिज्ञ,
दिशाहीन, निष्प्रयोजित पथ पर चलता,
सिर्फ कल
और कल पर विचारता,
शब्द माध्यम द्वारा
मुक्ति हेतु,
सोचता,
उद्विग्न खड़ा,
मैं...
6 comments:
ध्न्य्वाद, जनाब इतना ओर बाता दो यह कब होता हे, यानि किस महीने मे ,पक्का पता हो तो हम जरूर जाऎ गे,कुछ फ़ोटो ओर चलचित्र भी बानऎ गे,हो सके तो जरुर बाताना.
ध्न्य्वाद
जरुर बताएगें। शुक्रिया
शानदार!!
शुक्रिया!!
ईद के चांद जैसा लग रहा है सूरज। वाकई कैमरे ने शानदार लम्हे को कैद किया है।
umdha hai..
behad umda hai ye najara..
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