Monday, October 29, 2007

लाहौर की गोद में... सभी हैं यहाँ जोश में

प्रिय पाठकों.

लाहौर में आज मेरी तीसरी सुबह है. बंगलादेश से आयी पत्रकार असमा का कल जन्मदिन था सो कल देर रात तक पार्टी चली. सबसे ज़्यादा डांस अजीम ने किया. बेहतरीन नाचता है वो. अमिताभ स्टाइल में. आसिम अफगानिस्तान से है. तीन और पत्रकार अफगानिस्तान से लाहौर आए है. फरीदुल्लाह , अहमद शाह शेरानी और महिला पत्रकार फेरिबा. यहाँ श्रीलंका, नेपाल और पाकिस्तान के पत्रकारों से भी मिलने का मौक़ा मिल रहा है.

सभी एक गेस्ट हॉउस में ठहरें हैं. सो तकरीबन २४ घंटे साथ रहते हैं. गेस्ट हॉउस का आलम कुछ कुछ बिग बॉस के घर जैसा है. लेकिन यहाँ साजिश नहीं है. ना ही कोई जीतने या हारने का भाव. यहाँ प्यार है. अलग-अलग मुल्कों की आवाम के बीच का प्यार. और इसकी मेजबानी कर रहे है पाकिस्तान के लोग.

अभी ज़्यादा घूमना नही हुआ है. कल गद्दाफी स्टेडियम गया था. पाकिस्तानी टीम प्रैक्टिस कर रही थी. अफ्रीका से आख़िरी मैच के पहले की प्रैक्टिस. शाहिद अफरीदी से बात हुई. शाहिद ने कहा... आ रहा हूँ इंडिया. दरअसल पाकिस्तानी टीम भारत आने की तैयारी में जुटी है. लेकिन अभी कोई भी खिलाडी उसके बारे में आन रिकार्ड बोलना नही चाहता. मैंने क्रिकेट फैंस से भी बातें की. एक क्रिकेट फैन भविष्यवाणी के अंदाज़ में बोला... शोएब ने तेंदुलकर को पहली गेंद पर बोल्ड करना है... शाहिद ने श्रीसंत को छक्के उद्दाने हैं...हमारी टीम जीत कर आयेगी. मैंने उसके कंधे पर हाथ रख विश किया... भारत से क्या होगा पता नही...पर कामना करता हूँ कि पाक टीम साउथ अफ्रीका से मौजूदा सीरीज़ ज़रूर जीत जाए! सभी क्रिकेट प्रेमियों को भारत-पाक सीरीज़ का बेसब्री से इंतज़ार है. लेकिन वे वीजा की समस्या से भी वाकिफ है. सियासतदानों से शिकायत है. पर आवाम के लिए चाहत...

ये रेस्टोरेंट में भी दिखा. गुलबर्ग इलाके के लिबर्टी मार्केट में salt n' pepper में लंच करने गया. साथ में जियो टीवी के पत्रकार शाहबाज़ थे. हिन्दुस्तानी हूँ ये पता चलते ही वेटरों ने ख़ास ख़याल रखना शुरू कर दिया. सबों की निगाह मुझ पर थी...लेकिन इस तरह की मैं असहज ना महसूस करूँ. रेस्टोरेंट से निकलते हुए निगाहें आख़िरी सीधी तक साथ रहीं.

आगे भी लिखता रहूंगा. अभी के लिए खुदा हाफिज़

7 comments:

Sanjeet Tripathi said...

शुक्रिया!!

और इंतजार रहेगा!!

अनिल रघुराज said...

लाहौर की कुछ धूप, दिलों की कुछ गरमी, अपनापे का कुछ एहसास हमारे लिए भी किसी लिफाफे में बंद करके ले आइएगा। उसे सोवेनियर बनाके दिल की दीवारों पर सजा लूंगा।

Udan Tashtari said...

देरे रहें विवरण. अच्छा लग रहा है. इन्तजार है!!

विनीत उत्पल said...

jamia me padhaee karte samay lohar se ak siast mandal aaya tha.jisme lohar university ke kai prof. bhee the.Indo-pak relation aur kai khas muddon par unke dwara likhee kitabon ka stall laga tha. kai kitab bhee karidi thee. unki vismrit yad abhee bhee mere dil o dimag me hai.
un logo se sampark nahee rakh paya.
please aap mera adab lahore ke fisa me bikhar denge.
aapka ahasanmand rahunga.

ghughutibasuti said...

आशा है आने वाले दिन भी ऐसे ही प्रेम के वातावरण में गुजरेंगे ।
घुघूती बासूती

Yunus Khan said...

अच्‍छा है । हम भी आपके ज़रिए लाहौर घूम रहे हैं ।
मौक़ा लगे तो वहां के रेडियो स्‍टेशनों की सैर भी कीजिए । और हमें बताईये ।

अजय रोहिला said...

भइया प्रणाम....

अच्छा लगा जानकर की आप घर के उस हिस्से में है जहां हर किसी के जाने पर पाबंदी है। और वो भी पुरे एक महीने के लिये.... क्या किसी खा़स प्रोग्राम के लिए गये है?
खै़र क्रायॆक्रम जो भी हो लेकिन समय निकालकर उस अनजानी सी अपनी जगह के बारे में रोजाना ज़रुर लिखियेगा..
अच्छी ख़बरें वो भी पाकिस्तान से...इंतजार रहेगा

आपका
अजय रोहिला