नाम- अ
ज़ीज़ तहसीन, उम्र- 10 साल, कक्षा- 5वीं, दिलचस्पी- संस्कृत। हैरान ना हों। अज़ीज़ तहसीन एक ऐसी मिसाल पेश करता है जिसे देख कर हम और आप सीख सकते हैं। दिल्ली में साकेत के एमेटी इंटरनेशनल स्कूल में पढ़ने वाले अज़ीज़ की संस्कृत में गहरी दिलचस्पी है। स्कूली क़िताब के साथ साथ गीता के भी कई श्लोक उसे कंठस्थ है। उसे श्लोक पढ़ता देख एक अलग तरह की अनुभूति होती है। शायद ये इसलिए भी क्योंकि अज़ीज़ की मां सैय्यद मुबीन ज़ेहरा और पिता तहसीन मुनव्वर का ख़ुद का भारतीय संस्कृति में भरोसा है... अकेले हिन्दू या मुसलमान जैसे पंथ में नहीं। ज़ाहिर है कि अज़ीज़ की परवरिश एक मुसलमान नहीं भारतीय परिवार में हो रही है। हिंदू, हिंदुत्व और हिंदूवाद पर अपनी रोटी सेंकने वाले भी अगर इसे देखें तो शायद उनमें भी क़ुरान और मुसलमान को जानने-समझने की इच्छा और ताक़त पैदा हो सके। उनके लिए इस ईद औऱ दीवाली का यही तोहफ़ा है मेरी तरफ से।
अज़ीज़ को सुनने-देखने के लिए नीचे क्लिक करें। ये ईटीवी पर प्रसारित एक स्टोरी है जो मैंने यूट्यूब के सौजन्य से लिया है।
http://www.youtube.com/watch?v=zBLCcyAmSkEअज़ीज़ से सीधी बात भी की जा सकती है
azeeztehseen@gmail.com पर।
शुक्रिया।
3 comments:
आपने ईद के दिन बहुत बढ़िया ईदी दे दी हमें. आपको और अज़ीज़ को बहुत बहुत मुबारक और आशीर्वाद.
शुभकामनाएँ
बढ़िया!!
ऐसी ही जानकारियां हमें अपने आसपास फ़ैलाते रहने की ज़रुरत है जिससे कि लोग प्रेरित हों!!
शुभकामनाएं अज़ीज़ को!!
शुक्रिया आपका यह जानकारी देने के लिए!
पता नहीं लोग क्यों भाषाओँ को धर्म की सीमा में बाँध लेते हैं। धन्यवाद यह जानकारी देने के लिए।
Post a Comment