Monday, November 5, 2007

पाकिस्तान में जिस शाम इमरजेंसी लगी

तारीख ३ नवम्बर 2007

पाकिस्तान के चकवाल जिले के कल्लर-कहार का इलाका. हम कुछ तारीखी जगहों की सैर पर है. कटास राज मन्दिर देखने के बाद मलोड के शिव मन्दिर की ओर बढ़ रहें हैं. गाडी छोड़ चुके हैऔर पैदल जा रहें है. पथरीला रास्ता है. काँटों वाले पेड़ रास्ता रोक रहे हैं. लेकिन हम इस प्राचीन मन्दिर की तरफ़ बढ़ रहे हैं. शाम का धुंधलका छाने वाला है. हम तेज़ कदमों से आगे जाने की कोशिश कर रहें है.

तभी साथ चल रहे जियो टीवी के पत्रकार अमीन हाफिज़ के पास इक कॉल आती है. वो पूछने के अंदाज़ बोलता है. लग गयी या लगने वाली है? कन्फर्म है? अच्छा मैं पता करता हूँ... अमीन के बात करने के तरीके से मुझे लग गया कि मुल्क में कुछ सियासी हलचल हुई है. मैंने पूछा क्या हुआ. अमीन ने बताया मुल्क मैं इमर्जेंसी लग गयी है.

इससे पहले की अमीन से इस मुताल्लिक़ आगे कुछ बात हो पाती, मेरा मोबाइल भी बज उठा.

जारी....

7 comments:

Ashish Maharishi said...

aap apna dhyan rakhana sir

Manas Path said...

सलामत आ गये कि अभी वहीं है

अतुल

Anonymous said...

aap surakshit hain na.kaise hain aur kya sthiti hai?meri beti lahore mein padhai ke liye gayi hai.hamlog chintit hain.

Sanjeet Tripathi said...

आप दोनो के तो मोबाईल ही बजे पर वहां तो जनता की ही बज गई है!!

जारी ही रखें

Udan Tashtari said...

जब एमर्जेन्सी लगी तब ख्याल आया था कि आप वहाँ हैं. उम्मीद है सब ठीक ठाक होगा. विवरण जारी रखें.

अनिल रघुराज said...

हम तो उस रात एनडीटीवी इंडिया देखते रहे कि अब पाकिस्तान से उमाशंकर सिंह का फोनो आएगा। लेकिन हमें क्या पता था कि आप कल्लर-कहार का दौरा कर रहे हैं? अच्छा संस्मरण है, लिखते रहिए।

परमजीत सिहँ बाली said...

प्रतिक्षा!