Thursday, August 7, 2008

मुशर्रफ़ पर महाभियोग!

मुशर्रफ को हटाने के लिए नवाज़ शरीफ का दबाव आख़िर काम आता नज़र आ रहा है। पीपीपी से आगे बातचीत का रास्ता बंद करने की धमकी के बाद सत्तारुढ़ पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के सह अध्यक्ष आसिफ अली ज़रदारी को राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ के खिलाफ महाभियोग लाने का ऐलान करना पड़ा है। हालांकि अभी ये साफ नहीं है कि महाभियोग कब लाया जाएगा। हो सकता है कि नवाज़ के दबाव के चलते अभी सिर्फ सैद्धांतिक तौर पर इसका ऐलान किया गया हो और इस पर वास्तविक अमल में अभी वक्त लगे।

दरअसल 18 फरवरी के चुनाव नतीज़ों में मुशर्रफ की समर्थक पार्टी पीएमएल क्यू की करारी हार हुई थी। पीपीपी की सरकार नवाज़ शरीफ की पार्टी पीएमएल एन के समर्थन के बूते ही बन सकी। उसके बाद से ही नवाज़ शरीफ लगातार लोकतंत्र विरोधी मुशर्रफ को हटाने और इमरजेंसी के पहले के जजों की बहाली के लिए ज़ोर डालते रहे हैं। लेकिन चाहे वो अमेरिकी दबाव हो या सेना से दुश्मनी का डर, ज़रदारी मुशर्रफ से सीधा दो दो हाथ करने से बचते रहे। नतीजतन पीपीपी के खिलाफ पाकिस्तानी अवाम की नाराज़गी भी काफी बढ़ती गई।


अब ऐलान किया गया है कि सरकार संसद में मुशर्रफ के खिलाफ चार्जशीट पेश करेगी। आठ साल तक पाकिस्तान पर राज करने वाले राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ के लिए इसे मुश्किल दिनों की शुरुआत के तौर पर देखा जा रहा है। एक रास्ता ये है कि वो खुद ही इस्तीफ़ा दे दें। वैसे संसद को भंग करने के लिए धारा 58 2बी का इस्तेमाल अभी भी मुशर्रफ के हाथ में है। अपने शासन काल में की गई ग़लतियों के चलते हाल ही में अमेरिकी आलोचना का शिकार हो चुके मुशर्रफ मौजूदा हालात में इसके इस्तेमाल की हिम्मत शायद ही कर पाएं। सरकार के सामने सवाल ये है कि वो महाभियोग के लिए ज़रुरी दो तिहाई बहुमत कैसे जुटाती है। क्या वो महाभियोग पर अवामी नेशनल पार्टी जैसे दलों का सहयोग हासिल कर पाती है, पीएमएल क्यू को तोड़ती है या फिर नवबंर में सीनेट चुनाव तक इंतज़ार करती है।

1 comment:

admin said...

Purani kahawat hai bhi\ai- Boya ped babool ka aam kahaan se khaye?