मैं उन दिनों मुंबई में ही था जब शिवाजी पार्क में बाला साहेब की पत्नी मीना ताई की मूर्ति पर मिट्टी पोत दी गई। बड़ा बबाल मचा। बसें जलायीं गईं। मैं रिपोर्टिंग कर रहा था। रविवार का दिन था। देखा जितनी भीड़ नारे चल रही है उससे ज़्यादा की भीड़ किनारे खड़ी है। अपने अपने घर के बाहर। छोटी टेबल... या इसी तरह की चीज़ों का इस्तेमाल कर रही थी वो भीड़। दारू की बोतलें रख सरेआम पी रहे थे महाराष्ट्र के तथाकथित शिवसैनिक। मैंने कुछ तस्वीरें लेनी चाही थी इन सैनिकों की। खुलेआम धमकाया था उन्होने। तब कुछ सच्चे मराठी ही मेरी तरफ से लड़े उनसे। और वे भी ऐसे कि अपने तमाम चंगू-मंगू के साथ होने के बाद भी वे मुझे हाथ नहीं लगा पाए। उस आपाधापी में बात आयी गई हो गई थी। आज राज ठाकरे का बयान देख कर याद आयी महाराष्ट्र के 'शिवसैनिकों के गौरव की। राज दरअसल उसी राजनीतिक संस्कृति की देन है। खुद दारू बेशक ना पीता हो पर बहकी बहकी बातें करना उसकी आदत में शुमार हो चुका लगता है। ख़ासतौर पर बाला साहेब ने जब से उसे नकारा ठहरा दिया। राजनीतिक महत्वाकांक्षा सनक में बदल गई लगती है।
वैसे ये राज ठाकरे कौन है। इस सवाल के कई जवाब हो सकते हैं। पर्सनल और प्रोफेशनल भी। पर यहां पर्सनल बात करना उचित नहीं। उसे और उसके परिवार को 'एक गायक'۔۔۔ ۔'अंदर तक' जानता है। हम उसके हवाले से नहीं जानना चाहते। इसलिए कुछ नहीं लिख रहे। प्रोफेशन की बात तो राज जो बयान देता है उसे नज़रअंदाज़ करने में ही फ़ायदा है। वो दरअसल महाराष्ट्र का एक छुटभैय्या नेता है। ख़ासतौर पर बाला साहेब से ठेंगा पाने के बाद वो अपना आपा खो चुका है। मराठा प्रतिष्ठा का सवाल उठा कर, बिहारियों को भला बुरा कह कर वो अपनी ज़मीन तलाशना चाहता है। इसलिए उसे जितना दिखाएंगे उसके मक़सद को भी पूरा करते नज़र आएंगे। बेहतर है कि उसकी गीदड़भभकी को नज़रअंदाज़ ही कर दें। पहले वो उद्धव ठाकरे के सामने अपनी औक़ात साबित करे। बाला साहेब की नज़र में अपनी उपयोगिता दिखाए। खाली यूपी-बिहार को गलिया कर उसे अपना 'घर' तक वापस नहीं मिलने वाला।
Friday, February 1, 2008
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1 comment:
ठीक कहा भइया...लेकिन सभी एक ही थाली के बैंगन है।...... ।।। उसकी गीदड़भभकी को नज़रअंदाज़ ही कर दें। पहले वो उद्धव ठाकरे के सामने अपनी औक़ात साबित करे। बाला साहेब की नज़र में अपनी उपयोगिता दिखाए।।।। .... इन लाइनों को शामिल कर अपने लेंख को पुरी तरह बैंलेस करने की कोशिश की है। वो सभी एक जैसे है। सभी को खिचते तो अच्छा होता........
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