Tuesday, February 19, 2008

पाकिस्तान में नई सुबह

चार दिनों से इस्लामाबाद रावलपिंडी और लाहौर समेत पूरे पाकिस्तान में में अलग तरह की शंका आशंकाएं देखने को मिल रहीं थी. कई रातों से सोया नही. जानने समझने की कोशिश में. कल की वोटिंग के बाद रात झपकियाँ आ रही थीं. लेकिन यहाँ फ़ोन काल्स ने जगाये रखा.
पाकिस्तान में जम्हूरियत की जंग आख़िर रंग ला रही है. यहाँ की अवाम ने बदलाव के लिए वोट किया है. नतीजे से सामने आ रहे हैं. पीपीपी और पी ऍम एल नवाज़ की जीत पक्की है. मुशर्रफ के लिए मुश्किल दिनों की शुरुआत के तौर भी इसे देखा जा सकता है. नई सरकार के आने के बाद यहाँ की जनता नई हवा में साँस लेने को आतुर दिख रही है. बस कुछ ही घंटों की बात रह गयी है.

2 comments:

संजय बेंगाणी said...

पाक को लोकतंत्र की वापसी के लिए शुभकामनाएं.

दिनेशराय द्विवेदी said...

पाकिस्तान में लोकतंत्र वापसी के गवाह बनने को तैयार रहें। इस अवसर के लिए बधाई।