इस बार की पाकिस्तान यात्रा में एक बात जो सबसे ज़्यादा एविडेंट रही वो थी हमारा लगातार पीछा किया जाना। पहले दो दिन तो मैंने नोटिस नहीं किया लेकिन चुनाव के दिन यानि 18 फरवरी की शाम तक साफ नज़र आने लगा। एक कार लगातार हमारे पीछे थी। यहां तक कि शाम को जब हम शाम को पीपीपी के सीनेटर अनवर बेग का घर ढूंढ़ रहे थे तो वो कार पीछे आकर लगी। हमें जल्दी थी क्योंकि इंटरव्यू निपटा कर लाईव के लिए पहुंचना था। पीछे से आवाज़ आयी कहां जाना है। मैंने कहा अनवर बेग के घर। तो आवाज़ आयी हमसे पूछें ना। ख़ैर उन्होने ने बता ये कि ये घर है। हम वापस आए तो वो फिर पीछे थे। हमें ज़हूर प्लाज़ा पहुंचना था। मुझे पता था सो पहुंच गया। पीछे वही कार। मुझसे नहीं रहा गया। मैं उतर कर उनके पास गया। कहा बस आधे पौने घंटे की बात है। फिर हम भी फ्री आप भी फ्री। अचंभे से वे बोले। अच्छा। मैंने कहा। बिल्कुल। उन्होने ने पूछा उसके बाद आप कहां जाएंगे। मैंने कहा होटल। और आप भी जाकर आराम करें। ख़ैर। लाईव के बाद मैं वापस लौटा तो वे अपनी ड्यूटी पर मुस्तैद थे। मैंने कहा चलें। तो वे बातचीत पर उतर आए। हिन्दुस्तानियों और पाकिस्तानियों को लेकर दोनों मुल्कों मे शक सुबहों को लेकर कई बातें हुईं। पांच मिनट में ही। फिर मैंने कहा कि आप कभी हिन्दुस्तान आएं तो ये मेरा कार्ड है और फोन नंबर। मेरे घर ठहरें। शर्त एक ही है कि साफ मंशा से आएं। जैसे मैं आया हूं। हमेशा आपके साथ रहूंगा। कोई आपको हाथ नहीं लगाएगा जैसे आप हमें नहीं लगा पा रहे।
वे वापस होटल तक आए। लेकिन उसके बाद कभी पीछे नहीं आए। हमारे ड्राईवर का नंबर ले लिया था उन्होने। हर घंटे उसे फोन किया करते थे। हमारे बारे में पूछने के लिए। लेकिन पीछे नहीं पड़े फिर। एक रात इस्लामाबाद में हम क़रीब सुबह तीन बजे लौटे। फुल दारू पी के। ड्राईवर को भी नहीं पता था कि कहां से लौट रहे हैं। अगले दिन होटल हॉली डे इन के रिसेप्शन पर वे बैठे मिले। मैंने कहा पीछे आने की ज़रूरत नहीं। साथ हमारी कार में ही चलें। उन्होने कहा ज़रुरत नहीं। खाली इतना बता दें रात कहां थे। मैंने कहा सरमत मंज़ूर साहब के यहां। उन्होने कहा ओके। आप जाएं। हमें पीछे आने की ज़रुरत नहीं। उन्होने जो नहीं कहा शायद वो ये कि आपके पीछे आकर भी हमें कुछ नया नहीं मिलने वाला क्योंकि आप जहां जाते हैं खुद ही बता देते हैं।
Friday, February 29, 2008
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
2 comments:
शुक्र है सिरफ पीछा ही किया और आपकी बातों का जबाव भी दिया आईबी वाले होते तो बात भी नही करते। आप घर आने का निमतंरण दे आये है अगर आ गये तो आईबी वालों को भी जवाब देना होगा.... होशियार रहियेगा
Janaab Wah Kya dileri dikhayi..Mera bhi address de dena unhe..Bahut Maza aayega.
Post a Comment