Thursday, January 24, 2008

पाकिस्तान का मंदिर और आडवाणी का झूठा वादा...

पाकिस्तान यात्रा के दौरान कटासराज, मलोट और नंदना के मंदिरों को देखने का मौक़ा मिला। मंदिर क्या बस अवशेष भर बचे हैं। कटासराज के शिव मंदिर का ढांचा तो बचा है पर अंदर कुछ नहीं। मूर्ति तक नहीं है। ये वही मंदिर है जिसे हिन्दू धर्म के स्वयंभू रक्षक लालकृष्ण आडवाणी ने अपनी पाकिस्तान यात्रा के दौरान गोद लेने की बात की थी। जो जानकारी मुझे वहां मिली उसके मुताबिक़ वे आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के लोगों को भेजने वाले थे इस मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए। पर वापस आए तो जिन्ना विवाद में फंस गए...फिर शायद भूल गए। आख़िर बड़े राजनेता हैं। ऐसी छोटी छोटी कितनी कही बातें याद रखें। और वहां कोई हिन्दू वोट बैंक की राजनीति भी तो नहीं करनी कि कहें...कसम राम की खाते हैं... इस मंदिर को बचाएंगे। यूपी बिहार का होता तो कुछ करते भी। पाकिस्तान में मंदिर की हालत खराब है तो पाकिस्तान सरकार जाने कि वो अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा नहीं कर रही। ऐसे तर्क आडवाणी जी के बचाव के हो सकते हैं।

खैर। इस मंदिर की हालत ठीक नहीं। वजह आसपास हिंदू आबादी का नहीं होना भी है। ये पाकिस्तान के चकवाल ज़िले में आता है। पवित्र ननकाना साहिब जैसे इसे भी विकसित किया जा सकता था। लेकिन इसमें अपने देश को ही बड़ा रोल निभाना होता। पर ऐसा नहीं किया गया। सबसे बड़ी बात ये है कि चाहे रख-रखाव ठीक ना हो... मंदिर की इमारतें बुलंद तो हैं... बाबरी मस्ज़िद की तरह गिरा तो नहीं दी गई हैं...। इस मंदिर का ऐतिहासिक महत्व ये है कि ये महाभारत काल की है। यहां के गाइड सलमान साहब ने हमें बताया कि पार्वती की मौत के समय जब शिव जी रोए तो जो आंसू बहे उससे पुष्कर और कटासराज दोनों जगहों पर कुंड का निर्माण हुआ। यानि भारत में जो महत्व पुष्कर का है... हिन्दू धार्मिक आस्था के लिहाज़ से वही महत्व कटासराज मंदिर का भी है। (तस्वीर में श्रीलंका की पत्रकार रुआंती परेरा और शशिका नज़र आ रही हैं...)

अगली बार.... मलोट के शिव मंदिर और नंदना के विष्णु मंदिर की बात और वहां तक पहुंच सकने की पूरी दास्तान।

4 comments:

Sanjeet Tripathi said...

दिलचस्प!!
यह पहली बार मालूम चला कि पुष्कर जैसा ही कुंड कहीं और भी है।

अडवाणी जी हैं तो आखिरकार एक राजनैतिक व्यक्तित्व और आज के राजनैतिक व्यक्तित्व को अपनी खुद की कही कितनी बातें याद रह पाती हैं।
अगली पोस्ट का इंतजार रहेगा!

उमाशंकर सिंह said...

बिल्कुल। कटासराज और कुंड पर एक डॉक्युमेंटरी भी शूट कर चुका हूं जिसका एक छोटा हिस्सा एनडीटीवी पर दिखाया जा चुका है। कोशिश करुंगा उसे आप सबों तक पहुंचा सकूं।

राज भाटिय़ा said...

उमाशंकर सिंह जी, भाई आप का टी वी हेमारे यहा तो चलता नही, आप ही कभी यहां लिन्क देदे तो हम भी देख लेगे,ओर आप को पहले स्रे ही धन्यवाद बोल देते हे

ghughutibasuti said...

आप अच्छी जानकारी दे रहे हैं । अगले अंक की प्रतीक्षा रहेगी ।
घुघूती बासूती