प्यार प्यार होता है। पहले प्यार की तो बात ही क्या। छिपाए नहीं छिपता। बशर्ते आप चाहें। पर कई बार आप जब खोलना भी चाहें तो छिपा रहता है। क्योंकि वो प्यार ही ऐसा होता है। फिर भी दुनिया उस प्यार को मानने को तैयार ही नहीं होती। और जब आपकी दुनिया आपके घर में सिमट आए...मतलब आप शादीशुदा हो जाएं तो आपकी बीवी को तो हरगिज़ ये क़बूल नहीं होगा कि आपका प्यार ऐसा होगा। वो भी पहला प्यार। ख़ासतौर पर जब आपने खुद को एक प्यारे इंसान के तौर पर पोर्टे कर रखा हो। दुनियादारी से मिली इसी सीख की वजह से मैंने अपनी बीवी को अब तक अपने पहले प्यार के बारें में नहीं बताया। सच बता भी दूं तो खामख़्वाह शक करेगी। कहेगी मैं ही मिली हूं बेवकूफ बनाने को। बरगलाना किसी और को। नस नस पहचानती हूं तुम्हें।
तो इसी डर से मैंने अबतक अपनी धर्मपत्नी पत्नी को अपने पहले प्यार के बारे में नहीं बताया। ये सोच कर कि अगर वो शक नहीं करेगी तो शायद भरोसा भी ना करे। पर लगा कि आप सबों को बता सकता हूं। क्योंकि मन में कुछ भी छिपाने की आदत नहीं रही। कल को मौक़ा लगे तो आप बता देना मेरी बीवी को। मेरे निर्दोष होने का सर्टिफिकेट देते हुए। वो भरोसा कर लेगी। बहुत निर्दोष है। अपने पति के अलावा उसे किसी की बात पर शक नहीं होता। इतनी निर्दोष कि आपकी सौ झूठी बातों पर भरोसा कर ले पर मेरी एक सच्ची बात पर सौ सवाल। इसलिए आपको वकील बना रहा हूं। जज तो वही रहेगी।
तो मीलार्ड.... मेरा तर्क है कि प्यार की कम से कम 72 परिभाषाएं हैं। एक वाक्य में हम भगवान से प्यार करते हैं। दूसरे वाक्य में हम अपने कुत्ते से भी प्यार करते हैं। तो किस प्यार में क्या आकर्षण तलाशा जाए कि वो वाकई में प्यार ही लगे। लालच या मौक़ापरस्ती नहीं। पर ये तय करना मुश्किल हो जाता है। बेशक मेरे केस में ना हो। क्योंकि... हां मैंने कई कई बार प्यार किया है। शादी हो गई तो क्या। आज भी कईंयों से प्यार करता हूं। आप मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकते। ना तो मेरे प्यार को ना तो गुनाह ठहरा सकते हैं और ना ही क़ैद कर सकते हैं।... और मेरे पहले प्यार की याद तो आप कभी मिटा ही नहीं सकते। फिर तो ये मुकद्दमा ही बेकार है। आपकी ये अदालत अर्थहीन।
आप वैसे ही प्यार से पूछ लो। क्या रहा मेरा पहला प्यार। जो लाया मेरे जीवन में बहार। इकलौता बेटा होने की वजह से हमेशा मां को लगता रहा कि कहीं मेरे साथ बुरा ना हो जाए। इसलिए वो मेरे कई प्यार को ठुकराती रही। पतंग उड़ाने के प्यार को कि कहीं छत से ना गिर जाए। क्रिकेट में कार्केट की गेंद के इस्तेमाल के प्यार को...कि कहीं गेंद से चोट ना लग जाए। फुटबाल में फारवर्ड खेलने के प्यार को कि धक्का मुक्की ना हो जाए। लकड़ी के डंडे को हाॅकी स्टिक के तौर पर इस्तेमाल के प्यार को कि कहीं किसी से लड़ाई ना हो जाए। बस की छत पर बैठ खुली हवा खाते सफ़र के प्यार को कि कहीं चलती बस से गिर ना पडूं।। पोखर में चचेरे भाईयों को नहाते देख खुद तैरना सीखने की इच्छा के प्यार को कि कहीं डूब ना जाऊं। यहां तक कि दूर जाकर... नेतरहाट में पढ़ने के प्यार को और छात्रावास में अकेले रहने के प्यार को भी...कि बीमार पड़ जाउं तो देखभाल कौन करेगा।
...पर इतनी प्यारी मां होते हुए भी वो मेरे पहले प्यार को रोक नहीं पायी। वो था हीरो की 24 इंच की साईकिल कसा कर उसकी सवारी का प्यार। उसे लगता रहा कि अगर साईकिल पर निकला तो ट्रक के नीचे आ जाउंगा। कोई टक्कर नहीं भी मारा तो भी मैं मारा जाउंगा। इसलिए गाड़ी या रिक्शे में ही ठीक हूं। साईकिल खरीद कर देना ठीक नहीं। फिर भी खरीद दिया। क़रीब साढ़े पांच सौ की।
आज सपने कहीं बड़े हो गए हैं। पर उस साईकिल की नाचती रिम की वो चमक आज भी आंखों में है... जब अपनी साईकिल अपना पहला प्यार था..! उसकी गद्दे वाली सीट... उसका बैक करियर जिस पर किसी को भी बिठा सकता था। कुछ और पैसे दे हैंडिल कैरियर भी लगवाया... ताकि किताब कांपी लगा सकें। आईना और झालड़ के बिना... ताकि बेसिक लुक दे। जंक लगने से बचाने के लिए मिट्टी तेल की मालिश.... पर आज की बीवी को ये कौन समझाए कि एक लड़के का पहला प्यार ऐसा भी हो सकता है। कह दूं कि दीप्ती नवल... अनीता राज... किमी काटकर या फिर हेलेन ही सही... तो शायद एकबारगी वो मान ले। कि ऐसा हो सकता है। हा हा हा। आप भी ठहाके लगाईए।
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7 comments:
सच है इस तरह का एक न एक यादगार प्यार हर एक के जीवन में होता है. बहुत बेहतरीन तरीके से बचपन का प्यार याद किया आपने.
आपने प्यार के इतने आयाम दिखाये हमे पता ही नही था, अब हमारी भी प्यार की साइकल चल पडी है खोज मे, जल्द ही सैर करायेगे
इंतज़ार रहेगा यतीश
बहुत मज़ा आया। बहुत ही।
cycle bhi batadi gaddewali seet bhi bataya, kisi ko bhi baitha sakte hai........ lekin bhai baithaya kise.... gol kar gaye. ab is sach par sau sawal na kare to bibi bechari kaya kare.
नमस्ते!
आपके प्यार और आपके बारे में कुछ जानकर काफ़ी खुशी हुई।
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