Friday, August 17, 2007

जहां हैंडपंप देख कर शादी होती है

हमीरपुर ज़िले के सिसोलर गांव में एक हैंडपंप से पानी भरने की ख़ातिर एक व्यक्ति ने चार लोगों को गोली से उड़ा दिया। इसी सिलसिले में वहां गया। पानी की समस्या कई कई रुप यहां देखने को मिले।

लेकिन सबसे दिलचस्प कहें या दुर्भाग्यपूर्ण कि कई गांवों में लड़कों की शादी एक समस्या बन जाती है। लड़की वाले आते हैं तो पहले गांव में पानी की व्यवस्था देखते हैं। चालू हालत में हैंडपंप घर के आसपास हो तो बात बनते देर नहीं लगती। लेकिन अगर पानी दूर कुंए से लाना हो तो कई मांबाप अपनी बेटी देने को तैयार नहीं होते। हालांकि हर बार ऐसा नहीं होता लेकिन सोचिए जिन कुछ मामलों में ही ऐसा होता होगा कितनी परेशानी वाला होगा। लड़की के लिए अगर थोड़ा क़ाबिल लड़का मिल भी रहा हो तो पानी की कमी रिश्ता नहीं होने देती। और लड़कों की सोचिए। क्या बीतती होगी दिल पर।

ऐसा भी नहीं है कि हर कोई वहां अपना हैंडपंप लगा ले। ज़मीन के नीचे पानी बहुत कम है। चट्टान ज़्यादा हैं। चाह कर भी बोरिंग नहीं होती। होती भी है तो हैंडपंप जल्द सूख जाते हैं। इसलिए कई इलाक़े में तो लोग हैंडपंप पर ताला लगाने से भी नहीं चूकते। तीन साल से सूखा पड़ा है। इसलिए ग्राउंड वाटर रिचार्ज भी नहीं हो पा रहा। सरकार कुछ नहीं कर रही। किसान परेशान हैं। ऊपज नहीं हो रही और लोग दाने दाने को मोहताज।

9 comments:

Anonymous said...

कैसी अनोखी बात है पानी के लिए ऐसी त्रास्दी सचमुच अदभुत है।

ghughutibasuti said...

अरे भाई कभी कभी लड़कों के दिल पर भी यह सब बीतने दो। इस ही को तो कहते हैं पासा पलट गया।
वैसे पानी का महत्व और वह कितनी दूर से लाना पड़ता है नया नहीं है । मुझे याद है वह लड़की जिसका विवाह शायद चौथी कक्षा में हुआ था । उससे उसके ससुराल के बारे में पूछा गया तो बहुत उत्साह से उसने बताया कि वहाँ पानी का बम्बा है । यह सन १९६५ के आसपास की बात है ।
घुघूती बासूती

Sanjay Tiwari said...

तो आप खोजबीन करने हमीरपुर चले गये थे. तभी तो कहूं कि अनिल रघुराज के चिट्ठे पर अर्धनारीश्वर वाला लेख भी छप गया लेकिन उमाशंकर का पता नहीं.

अजय रोहिला said...

hamirpur mein to handpumb ke karan shaddi hoti hai...lekin ek jaati aise bhi hai jaha ladke per darj case hi shaddi ka paimana hote hai...jitne jyada case utni hi suyogya kanya milti hai..kaise hai!!1

Udan Tashtari said...

अजब सी खबर है.

Pramendra Pratap Singh said...

किसी ने गलत नही कहा है कि अगला विश्‍व युद्ध पानी के लिये होगा।

उमाशंकर सिंह said...
This comment has been removed by the author.
Yunus Khan said...

सचमुच भूख के बाद अब दुनिया में पानी की लड़ाई बढ़ रही है ।
भारतीय समाज की विडंबनाएं अनोखी हैं ।

Sanjeet Tripathi said...

अभी तो सिर्फ़ हमीरपुर में यह हाल है भाई, कल की सोचिए जब हमारे आसपास सभी जगहों मे यही हाल होगा अगर हम अब भी ना चेतें तो।