Wednesday, September 30, 2009

अकेला शख्स और अमेरिका

इन दिनों अमेरिका के दौरे पर हूँ. फिलहाल वॉशिंग्टन में हूँ. अमेरिका पूरी दुनिया को परमाणु हथियार ख़त्म करने की सीख देने मैं लगा है. लेकिन ठीक व्हाइट हाउस के सामने १२ साल से धरने पर बैठा शख्स खुद अमेरिका को चुनौती दे रहा है... परमाणु हथियार ख़त्म करने को कह रहा है. दुनिया का सबसे मज़बूत कहा जाने वाला प्रशासन चाह कर भी उस शख्स को हटा नहीं पाया है. दिलचस्प सच्चाई है.... इस तरह की छोटी बड़ी काफ़ी बातें बताने को है. वक़्त नहीं मिल पा रहा. तस्वीरों के साथ जल्द की कुछ बेहतर पेश करने की कोशिश करूँगा. शुक्रिया

9 comments:

Udan Tashtari said...

अमां भाई, यहाँ तक आये हो और हमें खबर नहीं. जरा फोन नम्बर तो भेजो, बात ही हो जाये.

विवेक रस्तोगी said...

अहिंसा से सब कुछ जीता जा सकता है।

आपकी तस्वीरों का इंतजार लगा रखा है।

सुशील छौक्कर said...

हमें इंतजार है आपकी अमेरिका यात्रा की पोस्ट का।

Anonymous said...

waakai? 12 saal se.. sahi hai!!

डॉ .अनुराग said...

वाकई एक अकेले आदमी की लम्बी प्रतिबद्ता है....काबिले तारीफ भी...

Anonymous said...

ब्लॉग जगत का घिनौना चेहरा अविनाश

भारतीय ब्लॉगिंग दुनिया के समस्त ब्लॉगरों से एक स्वतंत्र पत्रकार एवं नियमित ब्लॉग पाठक का विनम्र अपील-
संचार की नई विधा ब्लॉग अपनी बात कहने का सबसे प्रभावी माध्यम बन सकता है, परन्तु कुछ कुंठित ब्लॉगरों के कारण आज ब्लॉग व्यक्तिगत कुंठा निकालने का माध्यम बन कर रह गया है | अविनाश (मोहल्ला) एवं यशवंत (भड़ास 4 मीडिया) जैसे कुंठित
ब्लॉगर महज सस्ती लोकप्रियता हेतु इसका प्रयोग कर रहे हैं |बिना तथ्य खोजे अपने ब्लॉग या वेबसाइट पर खबरों को छापना उतना ही बड़ा अपराध है जितना कि बिना गवाही के सजा सुनाना | भाई अविनाश को मैं वर्षों से जानता हूँ - प्रभात खबर के जमाने से | उनकी अब तो आदत बन चुकी है गलत और अधुरी खबरों को अपने ब्लॉग पर पोस्ट करना | और, हो भी क्यूं न, भाई का ब्लॉग जाना भी इसीलिए जाता है|

कल कुछ ब्लॉगर मित्रों से बात चल रही थी कि अविनाश आलोचना सुनने की ताकत नहीं है, तभी तो अपनी व्यकतिगत कुंठा से प्रभावित खबरों पर आने वाली 'कटु प्रतिक्रिया' को मौडेरेट कर देता है | अविनाश जैसे लोग जिस तरह से ब्लॉग विधा का इस्तेमाल कर रहे हैं, निश्चय ही वह दिन दूर नहीं जब ब्लॉग पर भी 'कंटेंट कोड' लगाने की आवश्यकता पड़े | अतः तमाम वेब पत्रकारों से अपील है कि इस तरह की कुंठित मानसिकता वाले ब्लॉगरों तथा मोडरेटरों का बहिष्कार करें, तभी जाकर आम पाठकों का ब्लॉग या वेबसाइट आधारित खबरों पर विश्वास होगा |
मित्रों एक पुरानी कहावत से हम सभी तो अवगत हैं ही –
'एक सड़ी मछली पूरे तालाब को गंदा कर देती है', उसी तरह अविनाश जैसे लोग इस पूरी विधा को गंदा कर रहे हैं |

Parul kanani said...

aapke anubhavon ka intazaar hai..

kushwaha said...

amerika bahu rastriyata hone ke karan bah aadmi baha baitha hai BHARAT ME TO LATHA SE PEET KAR BHAGA DETE
Thanking you

kushwaha said...

amerika bahu rastriyata hone ke karan bah aadmi baha baitha hai BHARAT ME TO LATHA SE PEET KAR BHAGA DETE intzaar hai aage ki yatra ka
Thanking you