मुंबई पर फिर हमला हुआ है। हम तैयार हैं कब तैनाती हो जाए...
पर कई बातें ज़ेहन में आती हैं। कुछ ही घंटों के अंदर...
सरकार कहेगी, हम निंदा करते हैं... पूरी तरह जांच की जाएगी... दोषियों के ख़िलाफ़ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी... किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।
पुलिस कहेगी... पहली बार समुद्री रास्ते से आए आंतकी। नया मोडस आपरेंडी।
(हालांकि हमारे एनएसए पहले ही इसके बारे में चेता चुके हैं। पर शायद वो चेते नहीं)
विपक्ष कहेगा, ये सरकार की विफलता है। वो हिंदू आतंकवाद का झूठा ख़ौफ दिखा रही है... असल में ख़तरा जेहादी आतंकवाद का है। हम आए तो पलट देंगे तस्वीर... ।
अख़बार टीवीओं पर ख़बर आएगी... पटरी पर लौटी ज़िंदगी। मुंबई की ज़िंदादिली...
फिर सब कुछ पटरी पर लौट आएगा... अगली वारदात तक.... और कोई चारा भी तो नहीं।
Thursday, November 27, 2008
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9 comments:
नहीं पटरी पर लौटेगें तो मरने वाले और उनके परिवार !
क्या हो रहा है, हम कहाँ जा रहे हैं कुछ समझ में नहीं आता । हम केवल टी वी पर आँखें व कान लगाए केवल यह देखते रहते हैं कि हमारे परिवार के लोग, हमारे मित्र सम्बन्धी सुरक्षित हैं और खैर मनाते हैं कि जो मरे या घायल हुए वे हमारे परिवार के नहीं हैं । जिस होटल में मेरा अपना है, वहाँ की कोई खबर नहीं आ रही और यही अच्छा है । परन्तु जो खून बह रहा है वह हमारे भारतीयों का ही है । वे भी किसी के अपने हैं । कोई परिवार बर्बाद हो गया केवल इसलिए कि उनका अभागा सम्बन्धी गलत समय पर गलत जगह पर था ।
आइए अब हम झगड़ें कि ये किसके आतंकवादी हैं, इस धर्म के या उस धर्म के ? क्या मरने वाले को इससे कोई अन्तर पड़ेगा ? कोई लोगों से पूछे कि वे किस ब्रांड के आतंकवादी के हाथ मरना पसंद करेंगे ?
घुघूती बासूती
AAPKI BAAT SE SAHMAT
bahut khub, it is india.
jaandar................
अभी भी कुछ नही बदला है...लेकिन एक बात है, राजनेताओं को जितनी गाली इस आतंकी हमले के बाद मिली उतनी तो शायद आपातकाल के दौरान भी नही मिली होगी...
इसी आतंकी हमलो के बाद तो नीतिश जी ललकार रहे है की हिम्मत है तो चुनाव लारिये, नेताओं को मत गाली दीजिये....अब आप ही बताइए की जो नेताओं को गाली देते है उनके पास नेताओं की तरह धनबल और बहुबल तो है नही...
सच कहा आपने । सरकार में वयान बदलने के सिवा कोई ताकत ही नही है । मुम्बई हमलों के बाद सरकार ने जो नीति अपनाई थी । अब वह कहां है । रोज पाकिस्तान की तरह भारत सरकार भी वयान बदलती जा रही है । शायद सरकार को और किसी हमले का इंतजार है उसके बाद काराबाई के लिए सोचेगी । लगता है यही भारत सरकार की नियति रही है । अटल विहारी भी यही राग अलापते रहे ..अब सब्र की सीमा टूटती जा रही है लेकिन मुझे लगता है उनका सब्र कभी टूटा ही नही । आखिर इस देश में किसी पर भरोसा करना संभव नही है । आगे चुनाव सामने होने के कारण सरकार लगता है पाकिस्तान और मुम्बई हमले की दुहाई दे रही है । फिलहाल तो यही लगता है
सच कहा आपने । सरकार में वयान बदलने के सिवा कोई ताकत ही नही है । मुम्बई हमलों के बाद सरकार ने जो नीति अपनाई थी । अब वह कहां है । रोज पाकिस्तान की तरह भारत सरकार भी वयान बदलती जा रही है । शायद सरकार को और किसी हमले का इंतजार है उसके बाद काराबाई के लिए सोचेगी । लगता है यही भारत सरकार की नियति रही है । अटल विहारी भी यही राग अलापते रहे ..अब सब्र की सीमा टूटती जा रही है लेकिन मुझे लगता है उनका सब्र कभी टूटा ही नही । आखिर इस देश में किसी पर भरोसा करना संभव नही है । आगे चुनाव सामने होने के कारण सरकार लगता है पाकिस्तान और मुम्बई हमले की दुहाई दे रही है । फिलहाल तो यही लगता है
सच कहा आपने । सरकार में वयान बदलने के सिवा कोई ताकत ही नही है । मुम्बई हमलों के बाद सरकार ने जो नीति अपनाई थी । अब वह कहां है । रोज पाकिस्तान की तरह भारत सरकार भी वयान बदलती जा रही है । शायद सरकार को और किसी हमले का इंतजार है उसके बाद काराबाई के लिए सोचेगी । लगता है यही भारत सरकार की नियति रही है । अटल विहारी भी यही राग अलापते रहे ..अब सब्र की सीमा टूटती जा रही है लेकिन मुझे लगता है उनका सब्र कभी टूटा ही नही । आखिर इस देश में किसी पर भरोसा करना संभव नही है । आगे चुनाव सामने होने के कारण सरकार लगता है पाकिस्तान और मुम्बई हमले की दुहाई दे रही है । फिलहाल तो यही लगता है
satya kahate hain bhaisahab is bharatvarsh ki prkati hi yahi ban chuki hai jo chalata hai use chalane do.tabhi patriyan banati rahati hain.
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