बिहार का मंज़र
हमारा बिगड़ा मुकद्दर है
क्या किया जाए
हमारे घर में समंदर है
क्या किया जाए
है भूख प्यास की शिद्दत
हमारे चेहरों पे
ये अब बिहार का मंज़र है
क्या किया जाए!
-तहसीन मुनव्वर
Monday, September 1, 2008
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सीधी चढ़ाई, सरपट ढलान