tag:blogger.com,1999:blog-5235000792645820594.post5290424158930751670..comments2023-10-14T18:17:14.543+05:30Comments on Valley of Truth: क्या ज़्यादा तकलीफ़देह है... ये...या ये!उमाशंकर सिंहhttp://www.blogger.com/profile/17580430696821338879noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-5235000792645820594.post-26434024948969199882007-09-18T12:03:00.000+05:302007-09-18T12:03:00.000+05:30पत्रकारिता का क्षेत्र मेरे लिए अभी नया है और उससे ...पत्रकारिता का क्षेत्र मेरे लिए अभी नया है और उससे भी ज्यादा नया है ऐसे लिखना,पर मन बहुत करता है इसलिए लिखने से खुद को रोक नहीं पाती।<BR/>तस्वीर तो तस्वीर हैं फिर भला उनको देखकर रिश्तों में क्यों उलझें....हां ये कैमरापर्सन मुझे बड़े तेज लगे जिन्होने सिर्फ तस्वीरों से आपको रिश्तों की बहस में उलझा दिया। खैर बात जब रिश्ते की चली है तो एक बात और ...रिश्ते मुझे हमेशा मैथ्स जैसे कठिन लगते हैं जो समझ में नहीं आते।<BR/>जिनको लोग कहते हैं कि ये रिश्ते हैं वो मुझे रिश्ते नहीं लगते और जो कहते है कि इनसे रश्ता नहीं है वो मुझे रिश्तेदार से लगते हैं।<BR/>कभी रिश्तेदार अन्जान लगते हैं तो कभी अन्जान रिश्तेदार लगते हैं....उलझ गए ना ..हो सकता है उलझ कर आप सुलझ भी गए हो पर मैं तो अभी उलझी हुई हूं।Arti Singhhttps://www.blogger.com/profile/02570109762548455785noreply@blogger.com