tag:blogger.com,1999:blog-5235000792645820594.post4780054468847828410..comments2023-10-14T18:17:14.543+05:30Comments on Valley of Truth: परी तो बच गई पर प्यार खेत रहाउमाशंकर सिंहhttp://www.blogger.com/profile/17580430696821338879noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-5235000792645820594.post-8663987132870634062007-05-30T00:42:00.000+05:302007-05-30T00:42:00.000+05:30विमल भाई, लिखे मे सोच झलकती है और इस बार आपको सोच ...विमल भाई, लिखे मे सोच झलकती है और इस बार आपको सोच अच्छी लगी इसके लिए शुक्रिया...पर कभी अच्छी ना लगे तो भी इतल्ला कीजिएगा शायद मुझे सुधारने में सहूलियत हो। <BR/><BR/>संवाद होता रहेगा। <BR/>शुक्रिया <BR/>उमाशंकर सिंहउमाशंकर सिंहhttps://www.blogger.com/profile/17580430696821338879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5235000792645820594.post-31293583275540816932007-05-29T17:14:00.000+05:302007-05-29T17:14:00.000+05:30मीडिया, खासकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया हमारे पारिवारिक ...मीडिया, खासकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया हमारे पारिवारिक ढांचे और रिश्तों का लोकतंत्रीकरण भी कर रहा है। मीडिया की आलोचना करते वक्त ज्यादातर लोग इस हकीकत को नजरअंदाज कर देते हैं। वैसे, मेरा तो यही मानना है कि टीवी न्यूज इस समय भारतीय समाज के लिए नकारात्मक से ज्यादा सकारात्मक भूमिका निभा रहा है। बाकी सुधीजन जैसा भी सोचें और उवाचें...अनिल रघुराजhttps://www.blogger.com/profile/07237219200717715047noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5235000792645820594.post-59748283495246526692007-05-29T12:06:00.000+05:302007-05-29T12:06:00.000+05:30खबरिया चैनल कही कही तो अपना काम करते नज़र आते है जि...खबरिया चैनल कही कही तो अपना काम करते नज़र आते है जिससे उनकॆ सामाजिक सरोकार पर उंगली तो नही ही उठाई जा सकती..हा ये ज़्ररुर कह सकते हैं.. ये जो अपनी अपनी डफली का खेल खेलते है वो बहुत अटपटा लगता है इससे कुछ महत्वपूर्ण मुद्दे अपने समूचेपन के साथ सामने नही आ पाते या फ़ुस्स होकर रह जाते हैं.उमाशंकर भाई आपकी सोच मुझे अच्छी लगती है. मेरी शुभकामनाएं स्वीकार करें.VIMAL VERMAhttps://www.blogger.com/profile/13683741615028253101noreply@blogger.com